कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी

प्राथमिक शिक्षा (मिशन एजुकेशन प्रोजेक्ट)

न्यूहॉलैंड का लक्ष्य गांव-देहात के वंचित वर्ग के बच्चों के बीच सर्व शिक्षा का विकास करना और बढ़ावा देना है ताकि ये बच्चे विकास की मुख्यधारा से जुड़ें और निरंतर जुड़े रहें। इनमें औपचारिक शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप पढ़ने की क्षमताओं का विकास हो और ये सफल मानव संसाधन बन कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। इन उद्देश्यों के साथ 01 जनवरी 2016 से मिशन एजुकेशन प्रोजेक्ट की शुरुआत स्माइल फाउंडेशन की भागीदारी में सेक्टर 29, नोएडा में ‘नई दिशा फ्री एजुकेशन सोसायटी’ के साथ की गयी। यह शिक्षा का अनौपचारिक केंद्र है जो औपचारिक शिक्षा व्यवस्था के दायरे से बाहर वंचित वर्ग के बच्चों के लिए नियमित शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन करता है। इस केंद्र के कार्यक्रमों की रूपरेखा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (NIOS) के पाठ्यक्रम के अनुरूप निर्धारित की गई है। प्रोजेक्ट के तहत 4 से 14 साल के 200 बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित की गई है जिनमें कक्षा 1 से 3 तक की 94 लड़कियां और 106 लड़के नामांकित हैं। केंद्र में सप्ताह के 6 दिन (सोमवार से शनिवार) पढ़ाई होती है। कक्षा 2 से 3 की पढ़ाई सुबह 8.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और कक्षा 1 की पढ़ाई दोपहर 1.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक होती है।


मेडिकल एम्बुलेंस प्रोजेक्ट

प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा हम सभी की बुनियादी जरूरत है। फिर भी, भारत के गांव-देहात में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा की बहुत कमी है और जहां उपलब्ध है, बहुत महंगी है। वंचित वर्ग के लोगों की इस बुनियादी जरूरत को पूरा करने के लिए न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर ने मोबाइल एम्बुलेंस के माध्यम से गांव-देहात के लोगों तक प्राथमिक चिकित्सा पहुँचाने का प्रयास किया है। मोबाइल एम्बुलेंस जन-जन तक, और घर-घर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का बेजोड़ साधन है और ग्रेटर नोएडा में सोमवार से शुक्रवार तक यह सेवा उपलब्ध है। इससे ग्रेटर नोएडा की झुग्गी-झोपड़ियों/ गांवों के वंचित वर्ग के लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पहुंची है। लोगों में बीमारियों की रोकथाम के साथ स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने की सोच विकसित हो रही है। साथ ही, गंभीर मरीजों को निकट के सरकारी अस्पतालों/ प्राइवेट क्लिनिक/ नर्सिंग होम/ स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर करने की व्यवस्था विकसित हो रही है। इस एम्बुलेंस में प्राथमिक चिकित्सा किट, प्राथमिक जांच के साधन और बुनियादी दवाइयों के संग डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन मौजूद है।


रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट

न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर हमेशा से समाज कल्याण के कार्यों में संलग्न रहा है और समुदाय के लोगों की जिन्दगी में बड़े बदलाव के लक्ष्य से इसने रेन वाटर हार्वेस्टिंग’ के अपने पहले प्रोजेक्ट की शुरुआत ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध बालक इंटर कॉलेज में की। कम्पनी ने ऑर्लिकॉन ग्रैज़ियानो की भागीदारी में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (ISAP) के साथ करार किया है। प्रोजेक्ट का उद्घाटन 20 दिसंबर को स्कूल परिसर में हुआ। इस अवसर पर सीएनएच इंडिस्ट्रियल, ऑर्लिकॉन ग्रैज़ियानो और ISAP के वरिष्ठ अधिकारियों के संग स्कूल के विद्यार्थी और शिक्षकगण भी मौजूद थे।

इस प्रोजेक्ट के तहत कम्पनी की मदद से रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 11 ग्राउंड वाटर रीचार्ज पिट बनाए गए हैं। इनमें जमा पानी से स्कूल के खेल मैदान और हरित क्षेत्र की सिंचाई होगी। इसके अलावा कम्पनी ने स्कूल के लिए 16 यूवी यूनिट, 2 वाटर कूलर और आरओ वाटर प्युरीफिकेशन यूनिट की व्यवस्था की है ताकि विद्यार्थियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित हो।



ग्रामीण युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट

न्यूहॉलैंड एग्रीकल्चर ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैक्टर ऑपरेटरों और मैकेनिकों के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (ISAP) से सहयोग करार किया है। इस प्रोजेक्ट से कम्पनी का लक्ष्य युवाओं को ट्रैक्टर ऑपरेटर और मैकेनिक के काम के लिए आवश्यक कौशल प्रदान कर उन्हें रोजगार योग्य बनाना है ताकि बेहतर जीविका के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार हो।

प्रोग्राम के तहत कुल 160 युवाओं के प्रशिक्षण की योजना है जिनमें प्रत्येक राज्य के 80 उम्मीदवार होंगे। गांव-देहात के प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं में कम से कम 50 प्रतिशत को नौकरी / स्वरोजगार देने का प्रावधान है। स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के लिए राजगार के कई द्वारा खुलेंगे जैसे फार्म मशीन डीलरों, होलसेलरों और निर्माताओं के सेवा विभाग में नियुक्ति। उन्हें खुद का मरम्मत एवं देखभाल वर्कशॉप खोलने का भी विकल्प रहेगा। ट्रैक्टर मरम्मत का उनका अपना कारोबार भी हो सकता है।



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